मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) की समूह कंपनी आई-कॉम ने सोमवार को एक विश्व स्तरीय लघु हथियार विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया, जो देश के रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस हथियार निर्माण सुविधा का उद्घाटन आईकॉम टेली लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुमंत पटुरु और काराकल के सीईओ हमाद अल अमेरी ने संयुक्त रूप से आईकॉम के एकीकृत इंजीनियरिंग विभाग के परिसर में किया.
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में यहां निर्मित हथियार भारतीय सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFS), सशस्त्र बलों, राज्य पुलिस बलों और एसपीजी जैसे संगठनों की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. इसके अलावा हैदराबाद में हथियार निर्माण केंद्र का उपयोग कैराकल कंपनी द्वारा दुनिया भर के विभिन्न देशों को हथियार निर्यात करने के लिए किया जाएगा. पहली बार यूएई की कोई कंपनी भारत को छोटे हथियारों के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध करा रही है.
हैदराबाद के काराकल स्थित आईकॉम संयंत्र में मिशन-सिद्ध कार 816 क्लोज-क्वार्टर बैटल राइफल (5.56×45 मिमी), लक्ष्य-सक्षम कार 817 असॉल्ट राइफल (7.62×51 मिमी), हल्के वजन वाली सीएसआर 338, 308 बोल्ट-एक्शन स्नाइपर राइफल, अत्यधिक सटीक सीएसआर 50 बोल्ट-एक्शन एंटी-मटेरियल स्नाइपर राइफल (12.7×99 मिमी), आधुनिक सीएमपी 9 सबमशीन गन (9×19 मिमी) और बहुमुखी काराकल ईएफ और काराकल एफ जेन 2 लड़ाकू पिस्तौल का निर्माण किया जाता है.
UAE-भारत रक्षा सहयोग में यह एक मील का पत्थर- सुमंत पटुरु
इस अवसर पर आईकॉम टेली लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुमंत पटुरु ने कहा कि यह कारखाना भारतीय रक्षा बलों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में हमारे विश्वास का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि आईसीओएम में हम ऐसे हथियार बना रहे हैं जो न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी उपयोगी होंगे.
उन्होंने कहा कि उनका हथियार निर्माण संयंत्र कराकाल के साथ ऐतिहासिक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते के तहत अत्याधुनिक व्यापक हथियार निर्माण संयंत्र के रूप में काम करेगा. यह यूएई-भारत रक्षा सहयोग में एक मील का पत्थर है. एक विश्वसनीय और दूरदर्शी साझेदार, Caracal के साथ मिलकर, हम न केवल विश्व स्तरीय हथियार बना रहे हैं, बल्कि एक साहसी, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण भी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि नई हथियार निर्माण सुविधा भारत की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया यात्रा की आधारशिला है, जो वैश्विक प्रौद्योगिकी को हमारे देश की विशेषज्ञता के साथ जोड़ेगी. सुमंत ने कहा कि इससे कैराकल की अंतराष्ट्रीय पहल को समर्थन मिलेगा और भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक रक्षा उत्पादन केंद्र के रूप में मजबूती मिलेगी.
कैराकल के CEO हमाद अल अमेरी ने क्या कहा?
कैराकल के सीईओ हमाद अल अमेरी ने कहा कि आईकॉम कैराकल लघु हथियार निर्माण सुविधा का शुभारंभ भारतीय बाजार और रक्षा उद्योग को समर्थन देने के हमारे प्रयासों में एक मील का पत्थर है. अमेरी ने कहा कि आईसीओएम विश्व स्तरीय विनिर्माण विशेषज्ञता और राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता के लिए मजबूत प्रतिबद्धता के साथ एक अत्यधिक कुशल और विश्वसनीय साझेदार साबित हुआ है.
अमेरी ने कहा कि यूएई से भारत को पहली बार छोटे हथियारों की तकनीक हस्तांतरित किए जाने से आईसीओएम और कैराकल आर्म्स मैन्युफैक्चरिंग सेंटर की स्थापना संभव हो पाई है. यह सुविधा प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. हमें इस केंद्र की स्थापना के माध्यम से भारत की रक्षा प्रणाली में अपनी भूमिका को और बढ़ाने पर गर्व है.